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सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
विपक्ष के लिए टेनी जितना बड़ा मुद्दा हों - बीजेपी के लिए तो बस टाइमपास लगते हैं
अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कभी दिल से माफ नहीं करने वाले. केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की मांग पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अड़े जरूर हैं, लेकिन बीजेपी नेतृत्व अभी इसे टाइमपास से ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
खुशदीप सहगल
@khushdeepsehgal
क्या अकबर का इस्तीफा ही #MeToo का निर्णायक पल है ?
#MeToo मामले में घिरे भाजपा के केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. निकट भविष्य में चुनाव होने हैं. ऐसे में माना ये जा रहा है कि अगले आठ-नौ महीने तक #MeToo कई लोगों की नींद हराम कर सकता है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
ये तो NDA सरकार में भी इस्तीफा शुरू हो गया!
एम जे अकबर के इस्तीफे के साथ ही उनके खिलाफ #MeToo अभियान के एक चैप्टर पूरा हो गया है - और अब पटियाला हाउस कोर्ट में 16 अक्टूबर से दूसरा शुरू होने जा रहा है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अभिरंजन कुमार
@abhiranjan.kumar.161
अकबर को बीरबल मानकर भूल कर रही मोदी सरकार
लोग अब इतने परिपक्व ज़रूर हो चुके हैं कि उन्हें पता है कि जब तक व्यक्ति पर गुनाह सिद्ध नहीं हो जाते, तब तक उसे गुनहगार नहीं माना जा सकता. लेकिन कोई व्यक्ति पद का फायदा उठाकर गुनाह छिपाने में कामयाब न हो जाए, इसके लिए पदत्याग ज़रूरी है.
समाज
| बड़ा आर्टिकल
अभिरंजन कुमार
@abhiranjan.kumar.161
यह 'me too' किसी महिला पत्रकार का नहीं, एक पुरुष पत्रकार का है
यूं यह आदर्श स्थिति हो सकती है कि अगर पहली बार कोई बॉस किसी पहली लड़की पर बुरी नज़र डाले और उसे तभी एक करारा थप्पड़ पड़ जाए. लेकिन हर बार ये नहीं हो सकता. एक मीडियाकर्मी के यौन शोषण का गवाह बनने की ये कहानी आपको पढ़ लेनी चाहिए.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
#MeToo की चपेट में आये मोदी के मंत्री अकबर को लेकर इतना सन्नाटा क्यों?
मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर अब तक छह महिलाएं यौन शोषण के आरोप लगा चुकी हैं, लेकिन सन्नाटा पसरा हुआ है. मोदी कैबिनेट में भी महिला मंत्रियों की तादाद कोई कम नहीं, लेकिन मेनका गांधी के अलावा सब चुप हैं. आखिर ऐसा क्यों?
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
राहुल के आरोपों की बोफोर्स में ओलांद का गोला भी फुस्स ही है
बेशक बीजेपी राफेल डील पर घिरी हुई है. फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद तो ज्यादा बुरी तरह घिरने लगी है. बीजेपी भाग्यशाली है कि उसके अंदर कोई वीपी सिंह नहीं है - और विपक्ष अब भी बिखरा हुआ है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
दलवीर की जीत को थरूर कैसे देख रहे होंगे...
अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में दलवीर भंडारी की जीत के लिए भारत सरकार को मिली कामयाबी का दूसरा पहलू देखें तो पाकिस्तान के खिलाफ एक और सर्जिकल स्ट्राइक भी है. क्या टीम मोदी जैसा कैंपेन मनमोहन सरकार ने चलाया होता तो थरूर भी महासचिव बन सकते थे?
ह्यूमर
| 4-मिनट में पढ़ें
पीयूष पांडे
@pandeypiyush07
'खुला खत' लेखकों के नाम खुला खत
मुझे लगता है कि खुला खत लेखन की सबसे बड़ी वजह खुले में रायता फैलाने की प्रबल इच्छा है. खुला खत लेखक के मन में अचानक इच्छा जागती है कि वो किसी बात पर रायता फैलाए.